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Padmavati Mata Aarti !! श्री पद्मावती माता आरती !!


 

       !! आरती श्री पद्मावती माता की !! 


पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं। 

क्रेश्‍वरी माता, दर्शन की बलिहारियॉं।।

पार्श्‍वनाथ महाराज विराजे, मस्‍तक ऊपर थारे।

माता मस्‍तक ऊपर थारे

इन्‍द्र, फणेन्‍द्र, नरेन्‍द्र सभी मिल, खड़े रहे नित द्वारे।।

हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं।। चक्रेश्‍वरी माता.......

जो जीव थारो शरणो लीनों, सब संकट हर लीनों।

माता सब संकट हर लीनो।

पुत्र-पौत्र, धन-धान्‍य सम्‍पदा, मंगलमय कर दीनों।।

हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं।। चक्रेश्‍वरी माता.......

डाकिनी, शाकिनी, भूत-भवानी, नाम लेत भग जायें।

माता नाम लेत भग जायें।

वात-पित्‍त, कफ रोग मिटे, अरू तन सुखमय हो जावे।।

हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं। चक्रेश्‍वरी माता.......

जब-जब भक्‍तों पर पीर पड़ी है, रक्षा तुमने कीनी।

माता रक्षा तुमने कीनी।

वैरियों का अभिमान चूरकर, इज्‍जत दूनी कीनी।।

हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं। चक्रेश्‍वरी माता.......

दीप-धूप अरू पुष्‍प-आरती, ले आरति को आयो।

माता ले दर्शन को आयो।

दर्शन करके मात तिहारे, मनवांछित फल पायो।।

माता मनवांछित फल पायो।

हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं।। चक्रेश्‍वरी माता.......


जय जिनेन्‍द्र,

         आप सभी से निवेदन है कि मेरी इस पोस्‍ट को देखें ताकि मेरा अधिक से अधिक भगवान की भक्ति में लीन ऋद्धालुओं को जिनवाणी मॉं की कृतियां पढ़ने को इंटरनेट के माध्‍यम से मिल सकें। मैं प्रयास करूंगा कि जैन धर्म से संबंधित अधिक से अधिक विषय वस्‍तु इस ब्‍लॉग पर आप सभी के लिए उपलब्‍ध करा सकूं।

आप सभी से निवेदन है कि अपने क्षेत्र में हो रहे जैन धर्म के विभिन्‍न कार्यक्रमों की आप विस्‍तृत जानकारी/सूचना तैयार करें हमें ई-मेल के माध्‍यम से भेजेंताकि आपके द्वारा भेजी गई वे समस्‍तय कार्यक्रम की सूचना समस्‍त भारवतर्ष में मेरे इस ब्‍लॉग के द्वारा पहुँचाई जा सकेंऔर सम्‍पूर्ण भारतवर्ष इसका लाभ प्राप्‍त कर सके।

आप यदि मेरे साथ जुड़कर कार्य करना इस धार्मिक कार्य में सहयोग करना चाहते हैंतो ई-मेल के माध्‍यम से सम्‍पर्क करें और आपके पास यदि जैन धर्म के प्रवचनविधानपंचकल्‍याणकगुरू वंदनागुरू भक्तिप्रवचन आदि की वीडियो एवं फोटो भी सम्‍पर्क करके भेज सकते हैंजिससे सम्‍पूर्ण भारतवर्ष में उसे इसके माध्‍मय से जन-जन में पहुँचाया जा सके।

 धन्‍यवाद 

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