!! आरती श्री पद्मावती माता की !!
पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं।
चक्रेश्वरी माता, दर्शन की बलिहारियॉं।।
पार्श्वनाथ महाराज विराजे, मस्तक ऊपर थारे।
माता मस्तक ऊपर थारे
इन्द्र, फणेन्द्र,
नरेन्द्र सभी मिल, खड़े रहे नित द्वारे।।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं।।
चक्रेश्वरी माता.......
जो जीव थारो शरणो लीनों, सब संकट हर लीनों।
माता सब संकट हर लीनो।
पुत्र-पौत्र, धन-धान्य सम्पदा, मंगलमय कर दीनों।।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं।।
चक्रेश्वरी माता.......
डाकिनी, शाकिनी, भूत-भवानी, नाम लेत भग जायें।
माता नाम लेत भग जायें।
वात-पित्त, कफ रोग मिटे,
अरू तन सुखमय हो जावे।।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं।
चक्रेश्वरी माता.......
जब-जब भक्तों पर पीर पड़ी है, रक्षा तुमने कीनी।
माता रक्षा तुमने कीनी।
वैरियों का अभिमान चूरकर, इज्जत दूनी कीनी।।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं।
चक्रेश्वरी माता.......
दीप-धूप अरू पुष्प-आरती,
ले आरति को आयो।
माता ले दर्शन को आयो।
दर्शन करके मात तिहारे, मनवांछित फल पायो।।
माता मनवांछित फल पायो।
हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियॉं।।
चक्रेश्वरी माता.......
जय
जिनेन्द्र,
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